एडीजे (एससीएसटी) ने किया स्थान का निरीक्षण
मोादीनगर। वर्षों से लंबित मुंसिफ कोर्ट की स्थापना का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद लगभग साफ हो गया है। इसके लिये सोमवार को एडीजे (एससीएसटी) व एसडीएम ने जगह के चिन्हित किए जाने को लेकर निरीक्षण किया। संभावना है कि शीघ्र ही अब मुंसिफ न्यायालय की स्थापना कर दी जायेंगी। इसकी तमाम औपचारिकताऐं पुरी की जा रही है।
बताते चले कि हालंही में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेशित किया है कि जिन तहसीलों में गतवर्षों पूर्व की सरकार ने सुलभ न्याय के लिये कुछ तहसील क्षेत्रों में मुंसिफ कोर्ट की स्थापना किए जाने के निर्देंश दिये थे, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक भी मुंसिफ कोर्ट की स्थापना नही की गई है। इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुये प्रदेश सरकार से प्राथमिकता के तौर पर शीघ्र मुंसिफ कोर्ट की स्थापना का हुक्म जारी किया है।
जिसके सापेक्ष में सोमवार को एडीजे (एससीएसटी) मलखान सिंह व एसडीएम सौम्या पाण्डेय ने तहसील के सामने स्थित पालिका काॅम्पलैक्स का मुंसिफ कोर्ट स्थापना की संभावना को लेकर निरीक्षण किया। जिस पर अभी कोई सहमति प्रदान नही की गई है। जगह की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है कि कोर्ट की स्थापना किस स्थान पर की जायें। वही तहसील अधिवक्ताओं ने तहसील में ही मुंसिफ कोर्ट की स्थापना किए जाने की मांग एडीजे (एससीएसटी) मलखान सिंह व एसडीएम सौम्या पाण्डेय से की है। अधिवक्ताओं का कहना है कि तहसील परिसर में कोर्ट की स्थापना बेहतर रहेंगी। इससे अधिवक्ताओ, प्रशासनिक अधिकारियों व न्यायालयं के काम में सामज्सं बना रहेंगा। फिलहाल सोमवार को जगह के चिन्हितकरण के कार्य पर विचार विमर्श किया गया है। संभावना है कि शीघ्र ही जगह की व्यवस्था होने पर मुंसिफ कोर्ट की स्थापना कर दी जायेंगी। इस संबन्ध में एसडीएम सौम्या पाण्डेय ने कहा कि एडीजे (एससीएसटी) मलखान सिंह को कोर्ट की स्थापना के लिये जगह दिखा दी गई है। जैसा भी निर्णय होगा, उसके मुताबिक आगे की संभावनाऐं तलाशी जायेंगी।