निर्मला सीतारमन महिला होने के नाते महिलाओं की भी सुन लो बात

इस बार बजट हो महिलाओं के पक्ष में 
मोदीनगर। आज एक फरवरी को आने वाले आम व रेल बजट में वित्तमंत्री से महिलाएं काफी उम्मीद लगाए बैठी है। घरेलू व कामकाजी महिलाएं वित्तमंत्री से आयकर में छूट मांग रही है। इसके साथ वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उनका माना है कि बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए कि महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त हो सके। इसके साथ सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि सरकारी व प्राइवेट नौकरी में महिलाओं को आरक्षण दिया जाए। जिससे हर विभाग में महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो सके। महिलाएं आत्म सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर सके। उनका मानना है कि अगर महिलाओं को सस्ते दरों में लोन व उद्योग लगाने के लिए लोन में सब्जिडी दी जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। कई महिलाओं ने मांग की है कि युवतियों की शिक्षा मुफ्त की जाए। इसके साथ उन्हें आयकर में भी करीब सात लाख तक की छूट व सस्ती दरों में होम लोन देना चाहिए। इसके साथ घरेलू समान भी सस्ते होने चाहिए। दृष्टि न्यूज़ ने कई महिलाओं से बजट को लेकर उनकी राय जानने का प्रयास किया। प्रस्तुत है महिलाओं से हुई बातचीत के प्रमुख अंशः-
समाजसेविका दीपा भंडारी का कहना है कि बजट में महिलाओं का जुड़ा धन बढ़ाया जाए। बैंको मंे हो रही कैश की किल्लत को समाप्त किया जाए। महिलाओं के लिए घरेलू सामान पर राशि घटाई जाए। सस्ते दर से लोन उपलब्ध करा जाए।


कुसुम सोनी का कहना हैं कि बजट में इन्काम टैक्स का स्लैब ओर अधिक बढ़ाया जायें। स्वाईपिंग का डेढ़ परसेंट चार्ज घटाया जाए। महिलाओं के लिए आयकर में छूट दी जाए। इसके साथ महिलाओं को प्रोत्साहन के लिए नई योजनाए लागू की जाए। महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए सस्ती दरों में जमीन व ऋण उपलब्ध कराया जाऐं।
पालिका सभासद मुन्नी बहन जी का कहना है कि महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। महिलाओं के लिए रेल में चालीस प्रतिशत सीट आरक्षित की जाए। महिलाओं को सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। महिलाओं के लिए लोन सस्ती दरों में दिया जाए। महिलाओं के प्रोत्साहन के लिए अच्छे कदम उठाए जाए।
पुष्पा रानी का कहना है कि बजट में महिलाओं को घरेलू समानों मे छूट मिलनी चाहिए। महिलाओं को नौकरी में चालीस प्रतिशत छूट व प्राइवेट नौकरी में भी आरक्षण मिलना चाहिए। महिलाओं के लिए लोन की प्रक्रिया को आसान किया जाना चाहिए। उन्हें सस्ती दरों में लोन दिया जाना चाहिए।



रिंकू तोमर का कहना है कि बजट में महिलाओं को आयकर में छूट मिलनी चाहिए। बजट संतुलित होना चाहिए। बजट में घोषणा हो वह घोषणा पूरी होनी चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा पर ठोस कदम उठाने चाहिए। महिलाओं के हित के लिए बजटमें कई योजनाएं लागू की जानी चाहिए।



समाजसेविका श्रीमती सुनीता शर्मा का कहना है कि बजट आम आदमी से जुड़ा हो। वृद्ध महिलाओं को आयकर से मुक्म रखना चाहिएं। महिलाओं को सरकारी व प्राइवेट का आरक्षण होना चाहिए। महिलाआंे की सुरक्षा के लिए योजनाए। बनानी चाहिए। घरेलू सामानों की सस्ता करना चाहिए।
समाजसेविका रूचिका बिन्द्रा का कहना है कि बजट में महिलाओं को रोजगार के अवसर स्थापित करने व इन्कम टैक्स में छूट का प्राविधान होना अनिवार्य है। इससे महिलाओं में एक नई ऊर्जा का संचार होगा ओर कामकाजी महिलाऐं भी व्यापार में रूचि लेंगी।



पूर्व प्रधानाचार्या श्रीमती धनदेवी का कहना है कि महिलाओं व युवतियों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने, शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को ओर अधिक महत्व दिये जाने सहित प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षित सीटेे होना अनिवार्य है। पुरूष प्रधान देश में आज भी महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। जिससे महिलाओं में कई बार हीन भावना घर कर जाती है। महिलाओं की सुरक्षा के लिये भी सरकारों को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। 


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